Top 10 similar words or synonyms for meningitis

herpesviral    0.964467

gonococcal    0.960294

stool    0.958665

fevers    0.955082

encephalitis    0.953664

mycoses    0.952632

tapeworm    0.951015

pork    0.950331

infections    0.950008

dermatitis    0.949971

Top 30 analogous words or synonyms for meningitis

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बालचिकित्सा इस प्रकार बच्चों में होनेवाले कुछ और रोग भी हैं, जिन्हें पेनिसिलीन स्ट्रेप्टोमाइसीन, टेरामाइसीन, क्लोरोमाइसिटीन, के द्वारा रोका जा सकता है। कुछ रोग, जैसे मस्तिष्कवरण शोथ (meningitis), लसपर्वशोथ (lymph adenitis), स्ट्रेप्टो कोकाय, मेनिंगोकोकाय, न्यूमोकोकाय आदि, जीवाणुओं के उपसर्ग से होते हैं। टाइफॉइड तथा गनोरिया भी क्लोरोमाइसीन, पेनिसिलीन, स्ट्रेप्टोमाइसीन आदि, से अच्छे होते हैं। मलेरिया - क्विनाइन, पेल्यड्रीन, निवाक्विन आदि से अच्छा होता है।
रोगनिरोधन जब मनुष्य किसी संचारी रोग के क्षेत्र में कुछ समय रह चुका होता है, तब वह रोगनिरोधन के लिए कुछ प्रतिजैविकी (antibiotics) और रसायन चिकित्सीय ओषधियों का प्रयोग कभी कभी करता है। विशेष रूप से प्रतिजैविकी आमवातिक ज्वर (Rheumatic fever), मैनिंगोकोकल तानिकाशोथ (Meningococcal meningitis), मलेरिया और कुछ योनिरोगों, जैसे सुजाक (Gonorrhoea) तथा सिफ़लिस (Syphilis) में लाभप्रद होता है।
तंत्रिकाविकृति विज्ञान तंत्रिकारोगों के निदान में प्रमस्तिष्क-मेरू-द्रव (cerebrospinal fluid) का बड़ा महत्व है और इससे निदान में बड़ी सहायता मिलती है। सामान्य मेरूद्रव जल सा स्वच्छ होता है। इसका विशिष्ट गुरुत्व 1.006 होता है। इसमें प्रोटीन 0.3से 0.5 प्रतिशत और ग्लूकोज 0.5 प्रति शत रहता है। इसमें रुधिर का होना मस्तिष्कगत रक्तस्राव का सूचक है। अनेक तांत्रिक रागों में इसके परीक्षण से पर्याप्त सहायता मिलती है। इनमें मेरुद्रव को निकालकर उसका अपकेद्रण करते हैं। इससे ठोस पदार्थ बैठ जाते हैं। इसके उपरांत उसका अभिरंजन (staining) कर सूक्ष्मदर्शी से उसका परीक्षण करे हैं। इसकी कोशिकाआं में कोशिकातत्वों (cellular elements) की अनुपस्थिति तंत्रिकातंत्र के रागों की द्योतक है। तंत्रिकातंत्र के रोगों तथा मानसिक रोगों का सबसे प्रमुख सहायक कारण मादक वस्तुओं का अत्यधिक सेवन है। मानसिक रोगों के अतिरिक्त, मदिरा के अत्यधिक सेवन से पक्षाघात तक हो जाता है। तंत्रिकातंत्र पर कुप्रभाव डालने-वाली अन्य मादक वस्तुओं में ईथर, कोकेन, अफीम, मॉर्फिया तथा तंबाकू भी है। आलंबक रचनाओं के क्षतिग्रस्त होने से भी तंत्रिकातंत्र में पक्षाघात या क्षोभ होता है। इस प्रकार की क्षति या तो सीधे चोट लगने से, अथवा आलंबक रचनाओं में औपसर्गिक शोथ के प्रसार के कारण, होती है। इसमें तंत्रिका ऊतक में स्थायी विकृति आ जाती है। इसमें मध्यकर्ण के रोग प्रधान हैं, क्योंकि इसी से मस्तिष्क शोथ (encephalitis) एवं मस्तिष्क आवरण शोथ (meningitis) तथा मस्तिष्क का फोड़ा (brain abscess) इत्यादि रोग होते हैं।